राजा चन्द्रगुप्त जिसके थे दो पुत्र बड़ा राजकुमार वीर चन्द्रगुप्त और छोटा राजकुमार मनीष चन्द्रगुप्त। मनीष जितना दयालु और नेक वीरचन्द्र उतना ही क्रुर और अत्याचारी इसलिए जब भावी राजा चुनने का वक्त आया तो प्रजा ने चुना छोटे राजकुमार मनीष चन्द्रगुप्त को। यह देख क्रोध से पागल हो गया वीरचन्द्र और ठान लिया पूरे राज्य को सबक सिखाने का इसके लिए उसने आजाद कर दिया कई वर्ष पहले कैद किए गए शैतान करकट को। शैतान करकट ने चलाया अपना जादू का जाल और पुरी प्रजा कर उठी त्राहि-त्राहि तब मदद के लिए सबकी जुबान पर आया एक ही नाम, तिलिस्मदेव।
Log in to comment