जौहर के दफ्तर में पहुंचा बुलबुल सिंह नाम का शख्स जो उसके 'दनादन' अख़बार में छपवाना चाहता था अपने भाई मखासिंह के खोने का इश्तिहार। उन्ही दिनों शहर में मचा हुआ था एक जेब कतरे लखासिंह का कोहराम जो चुटकियों में ही कर देता था किसी की भी जेब साफ़। अब जौहर, कप्तान तिरंगा, और कड़क सिंह, खड़क सिंह पड़ गएलखासिंह और मखासिंह को पकड़ने के चक्कर में।
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